सुना है मेरे बाद तुम जिसके बिस्तर की सलवटें हो गई .... वो किसी का रूमाल हो गया है? लैला किसी की, मजनू किसी का देख जरा मोहब्बत.... तेरा क्या हाल हो गया है।
कभी फुर्सत में मिलो तो फुर्सत से बात करते हैं क्या कहा बात नहीं करनी, तो चलो थोड़े इल्ज़ामात करते है। अरे यूँ रूठ के ऊठना, ऊठ के मुडना और मुड़ के चले जाना, अच्छा नहीं है, अगर नार...
छुप-छुप के मोहब्बत निभाती रही हूँ मैं कि जिस रोज वो नही सोया खुद को जगाती रही हूँ मैं। अक्सर रूठ जाता है मेरी इस बात से वो उसके जर्रे-जर्रे में अपनी धूल उडाती रही हूँ मैं। कात...
ख्याल अच्छा था दिल को बहलाने के लिए, लोग जाते हैं अक्सर लौट आने के लिए। अबके जब उनसे मुलाकात हुई सरे-राह तो जाना, लोग रास्ते बदल लेते हैं मुंह छुपाने के लिए।। #अंतर्मन
हाथ पकड़ चलता था जो कभी, वो बेटा वृद्ध आश्रम में माँ को बिठा गया। दे कर दिलासा लौट कर आने का, वो अपना पल्ला झड़ा गया। वो जानती है अब ना लौटेगा वो कभी, उसका लाल उससे पीछा छुड़ा गया...
मैं चल भी ना पाई तुम संग थोडे़ से फासलों ने देखो कितना थका दिया, कोशिशों में थी किसी तरह फिर खडे़ होने की मेरी कोशिशों ने ही मुझे फिर गिरा दिया। पैर लड-खड़ा गए छालों के दर्द से ...
दास्तां मैं सोच में डूबी थी वो मुझमे तैर गया, वो करीब रहा मेरे बस, फिर भी गैर रहा। बेहाल रही कब तक तुम मेरे हाल पे झेपो ना, मेरा वक्त खराब था मिरा मीत नहीं था बुरा। मैं उस पार खड़ी रही वो इस पार रहा खड़ा, दोष किनारों का नहीं बस, लहरों का बहाव तेज था। इक पल की बात नहीं सारे जीवन कि है दासतां, तुम मिले और रह गए मुझमे ढूँढने को तुम्हें, मैं क्यों जाऊँ यहाँ-वहाँ।