मां भारती
घात ह्रदय पर
बैचेन मन हैं,
उदास चित्त और
भींगे नयन है।
मेरा देश ऐसा नही है,
माँ के बिन बच्चा सोता नही है।
भटके हुए कुछ नादान हैं मां,
दिलों में घृणा की अगन हैं।
तुझसे प्रेम बहुत है,
मेरे लिए तू संपूर्ण जगत है।
नीर-ऐ-नयन बरसाओ न तुम,
तेरे बच्चों में बहुत सहन है।
प्राण-प्रसाद हम हँस कर देंगे,
दुश्मन के वार पर तो भारी
मां केवल तेरे कंगन की खनक है।
झूम कर जीवित तन पर
कफन बाँध उत्साह से भरे हैं,
तेरी ममता का क्या मोल मां
मुझमे तेरी माटी की महक हैं।
किस बात की चिंता तुझे
उदास मन तू क्यों धरे,
तेरी गोद में सिर धर ले मेरा
तुझ पर निछावर होने की सनक हैं।
घात ह्रदय पर
बैचेन मन हैं,
उदास चित्त और
भींगे नयन है।
suprrrr....
ReplyDeletediii...